बहुचर्चित आम्रपाली मामले में अपने आदेश में दुर्भाग्यपूर्ण'हेराफेरी से हैरान उच्चतम न्यायालय ने अपनी रजिस्ट्री के कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी देते हुये कहा कि संस्थान को ध्वस्त करने की इन हरकतों को लेकर कुछ और लोगों पर कार्रवाई हो सकती है। शीर्ष न्यायालय ने उसके आदेशों में गड़बड़ी पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुये कहा, ''अदालत के कर्मचारियों को प्रभाव में लेकर लोग आदेश बदलवाने का प्रयास कर रहे हैं। इस तरह की हरकतों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।"
ताजा मामला तब सामने आया है जब शीर्ष अदालत ने कहा कि उसके आदेश में फारेंसिक ऑडिटर का नाम बदल दिया गया। उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले फरवरी में अपने दो कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। यह मामला एरिक्सन मामले में उद्योगपति अनिल अंबानी को अदालत में उपस्थित होने के बारे में था। इसमें अदालत के आदेश में इस तरह छेड़छाड़ की गई कि जिससे यह आभास मिलता है कि अनिल अंबानी को अदालत में स्वयं उपस्थति होने से छूट दी गई है। अदालत के आदेश में छेड़छाड़ को लेकर मामला दर्ज किया गया है।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और यू यू ललित की प