इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम आदेश में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में पिछले पांच साल से प्रदेश का निवासी होने की अनिवार्यता के 18 अगस्त, 2018 के शासनादेश के उपखंड-दो को असंवैधानिक घोषित कर दिया है। कोर्ट ने दूसरे राज्यों के चयनित निवासियों की नियुक्ति के लिए काउंसिलिंग कराने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले से उन अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है, जिन्हें पांच साल तक उप्र प्रदेश में निवास न करने के आधार पर नियुक्ति देने से इन्कार कर दिया गया था।

कोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों को उप्र बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के तहत सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के योग्य करार दिया है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद और परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को अन्य राज्यों सहित प्रदेश के दो अखबारों में इसकी सूचना प्रकाशित करने व वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने हरियाणा और दिल्ली निवासी मनीष व अन्य सहित दर्जनों याचिकाओं को मंजूर करते हुए दिया है।