मो आमिर ब्यूरो प्रमुख की रिपोर्ट....


बलरामपुर: जिलाधिकारी डॉ0 महेन्द्र कुमार ने जनसामान्य से अपील करते हुए कहा है कि खराब मौसम में आकाशीय बिजली गिरने/वज्रपात की घटनाएं घटित होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं जिससे जनहानि की घटनाएं भी हो सकतीं हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि आकाशीय बिजली से बचने के उपायों को अपनाया जाय ताकि वज्रपात से जनहानि न होने पाये।
उन्होंने कहा है कि जनसामान्य अपने मोबाइल में मौसम विज्ञान विभाग भारत सरकार विकसित दामिनी एप डाउनलोड करें जिससे वज्रपात की पूर्व सूचना मिल सके ताकि जनहानि या घायल होने की घटना से बचा जा सके। उन्होने बताया कि प्रतिवर्ष वज्रपात से बड़ी संख्या में जनहानि व पशुहानि होती है तथा इन्फास्ट्रक्चर को भी भारी नुकसान पहुंचता है। वज्रपात से कम से कम क्षति हो इसके लिए प्रभावी व्यवस्था को अपनाने के साथ ही अधिसूचित आपदाओं की पूर्व चेतावनियों एवं अलर्ट को आम जनमानस तक समय से पहुचांकर आपदा को कम किया जा सकता है।
       अपर जिलाधिकारी/प्रभारी अधिकारी दैवीय आपदा प्रदीप कुमार ने जनसामान्य को बचाव के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि वज्रपात से बचने के लिए पेड़ों के नीचे, मोबाइल टावर व ऊंचे मकान के नीचे शरण न लें। बच्चों को बाहर न खेलने दें, लोहे की खिड़की, दरवाजे व हैण्डपम्प आदि को न छुएं। धातु से बने छाते का प्रयोग न करें, लैण्डलाइन एवं विजली के उपकरणों का उपयोग न करें, खुल वाहनों मेे सवारी न करें, बचाव के लिए जमीन पर न लेटें तथा तैराकी या नौकायन न करें।
जिला आपदा विशेषज्ञ अरूण सिंह ने कहा कि यदि मौसम खराब हो तो तुरन्त किसी पक्के घर में शरण लें, आसपास सुरक्षित स्थान न होने पर दोनों कानों को बंद कर पैरों को सटा लें तथा घुटनों का टेक लेकर उकड़ू बैठ जाएं। घरों में विद्युत उपकरणों को प्लग से अलग कर दें। यदि खेतों में हैं तो तुरन्त सूखे स्थान पर चल जाएं। हाईटेंशन तारों, पोखरों, बिजली के खंभों तथा कटीले तारों से दूर रहें। उन्होंने बताया कि वज्रपात से कम से कम क्षति हो इसके लिए प्रभावी व्यवस्था को अपनाने के साथ ही अधिसूचित आपदाओं की पूर्व चेतावनियों एवं अलर्ट को आम जनमानस तक समय से पहुचांकर आपदा को कम किया जा सकता है। वज्रपात से होने वाली जनहानि के न्यूनीकरण हेतु राहत आयुक्त कार्यालय, उत्तर प्रदेश द्वारा इंन्टीग्रेटेड अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित किया गया है। इन्टीग्रेटेड अर्ली वार्निंग सिस्टम, मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट व डाटा को फेच करके राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड ग्राम प्रधानों, लेखपालों, आंगनवाड़ी कार्यकत्री, आशा, पुलिसकर्मियों एवं कृषकों को बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के रियलटाइम में प्रेषित करता है। इन्टीग्रेटेड अर्ली वार्निंग सिस्टम के माध्यम से किसी संभावित आपदा या खराब मौसम का अलर्ट मात्र उन्हीं लोगों को प्राप्त होता है, जिनका मोबाइल नम्बर राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड है परन्तु प्रदेश में प्रतिवर्ष वज्रपात से होने वाली क्षतियों के दृष्टिगत ऐसी व्यवस्था की आवश्यकता है, जिसकी पहुंच आम जनमानस तक आसानी से हो। इसी को ध्यान में रखते हुए वज्रपात की पूर्व चेतावनी व अलर्ट प्रेषित किये जाने हेतु दामिनी ऐप विकसित किया गया है। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। दामिनी ऐप लगभग 20 किमी के क्षेत्र में संभावित लाइटनिंग अलर्ट का नोटिफिकेशन प्रेषित करता है जिससे व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचने तथा बचाव का अवसर प्राप्त हो सकेगा। इसलिए स्वयं के मोबाइल में दामिनी एप डाउनलोड करने के साथ ही जनसामान्य को भी इस अति उपयोगी दामिनी एप के बारे में बताएं जिससे वज्रपात की पूर्व चेतावनी व अलर्ट अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके तथा वज्रपात से होने वाली क्षतियों को न्यूनीकृत किया जा सके।इसके अलावा अपने क्षेत्र में मौसम की अपडेट के लिए गूगल प्ले स्टोर से सचेत एप डाउनलोड कर लें जिससे मौसम की पूर्व चेतावनी मिलती रहे।