मुजफ्फरपुर में एक्यूट इनसेफेलाइटिस सिंड्रोम या दिमागी बुखार से पीड़ित बच्चे दिव्यांगता के शिकार हो सकते हैं। जो बच्चे बीमारी से ठीक हो गए हैं उनकी कार्उंंर्संलग जरूरी है। ऐसे बच्चे या तो मानसिक रूप से बीमार हो सकते हैं या उनके शरीर का कोई अंग प्रभावित हो सकता है। यह आशंका पटना एम्स के विशेषज्ञों ने जतायी है। 

एईएस पर तीन साल शोध के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को हाईपोग्लेसीमिया, बुखार और कम पानी से बच्चों की होने वाली समस्या से निजात के लिए पीएचसी स्तर पर व्यवस्था करनी चाहिए। डॉक्टरों ने एईएस बीमारी से ठीक हुए बच्चों की काउंसलिंग पर बल दिया है ताकि उन्हें दिव्यांगता से बचाया जा सके।

2014 से 2016 के बीच अध्ययन करने वाली पटना एम्स की टीम का कहना है कि इस बार भी बीमारी का प्रकोप वैसे ही होने की आशंका है। खासकर मुजफ्फरपुर के कांटी और मुशहरी ब्लॉक में सबसे अधिक इस बीमारी का प्रकोप होने की बात कही गई है। 

तेज बुखार से दिमाग पर असर

एम्स की टीम ने अध्ययन में पाया है कि तेज बुखार होने पर बच्चों के दिमाग पर असर हो रहा है। ठीक होन