• लैंडिंग चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर होनी थी, यहां इससे पहले किसी भी देश का यान नहीं पहुंच सका था
  • रात 1:53 बजे लैंडिंग होनी थी, 69 सेकंड पहले तक सभी चीजें सामान्य थीं
  • इसी साल अप्रैल में इजरायली मून मिशन का चंद्रमा की सतह से 10 किमी पहले संपर्क टूट गया था, उसका रोवर क्रैश हो गया था

 

 भारत अंतरिक्ष विज्ञान में इतिहास रचने के करीब था, लेकिन चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का लैंडिंग से महज 69 सेकंड पहले पृथ्वी से संपर्क टूट गया। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर विक्रम की शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात 1 बजकर 55 मिनट पर लैंडिंग होनी थी, लेकिन इसका समय बदलकर 1 बजकर 53 मिनट कर दिया गया था। हालांकि, यह समय बीत जाने के बाद भी लैंडर विक्रम की स्थिति पता नहीं चल सकी। इसरो चेयरमैन डाॅ. के. सिवन ने बताया, ‘‘लैंडर विक्रम की लैंडिंग प्रक्रिया एकदम ठीक थी। जब यान चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह से 2.1 किमी दूर था, तब उसका पृथ्वी से संपर्क टूट गया। हम ऑर्बिटर से मिल रहे डेटा का विश्