• रामलला दिन के हिसाब से अलग रंग के वस्त्र पहनते हैं
  • बाबूलाल साल 1985 से रामलला विराजमान के लिए कपड़ा सिल रहे हैं
  • साल 2005-06 में दो साल तक सादिक खान ने रामलला के लिए कपड़े सिले थे

 

 सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को तय कर दिया कि जन्मभूमि 'रामलला' की है। अब करीब 25 सालों से टेंट में रहने वाले रामलला का मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है। रामलला को हर दिन अलग रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं। वह रविवार को गुलाबी रंग के कपड़े पहनते हैं, लेकिन फैसला आने के बाद रविवार को उन्हें लाल रंग के कपड़े पहनाए गए। हिन्दू मान्यता के अनुसार, लाल रंग शुभ माना जाता है और विजय का प्रतीक है। रामलला के वस्त्रों को सिलने वाले शंकरलाल ने कहा कि हमें पुजारीजी ने विशेष कपड़ा दिया था।

रामलला के लिए दो पीढ़ियों से पोशाक बना रहे शंकरलाल अयोध्या में मनीराम छावनी मार्ग पर बाबूलाल टेलर्स की दुकान है। यहां भगवत लाल और उनके छोटे भाई शंकर लाल अपने भतीजे मुन्नी लाल के साथ कपड़ों की सिल