भारत अब वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की किसी हरकत को बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है। सरकार ने तीनों सेनाओं को चीन की हर चालबाजी का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए खुली छूट दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, रविवार को हालात की समीक्षा के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुखों की बैठक के बाद इस संबंध में कई अहम फैसले लिए गए। इसमें सबसे अहम फैसला यह है कि फील्ड कमांडरों को अप्रत्याशित स्थिति में हथियार के इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई है। निश्चित तौर पर भारत ने दोनों सेनाओं के बीच दशकों से बंदूक इस्तेमाल नहीं करने की नीति से जरूरत पड़ने पर हटने का संकेत दे दिया है।

15 जून को गलवन घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से नई दिल्ली में रक्षा मंत्री की अगुआई में रोजाना जमीनी हालात की समीक्षा की जा रही है। रविवार को रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख के साथ-साथ अरणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में एलएसी के सभी संवेदनशील मोर्चो पर हालात की समीक्षा की।

पूरी तरह चौकसी बरतने का निर्देश