रामेंद्र कुमार यादव,संवाददाता लखनऊ मंडल

लखनऊ ! मोहित लोधी (UNS): उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में वर्षों से दंश झेल रहे ! संविदा कर्मचारी अपने फिक्स वेतन निर्धारण को लेकर लगातार अपनी आवाज़ बुलंद करते हुए वर्षो से संघर्षरत है ! 1997 से लेकर 2020 तक वर्तमान लॉक डाउन में नज़र डाली जाए तो , सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में लगभग 38,000 संविदा कर्मचारी चालक-परिचालक के रूप में सामान्य रूप से सभी नागरिकों को अपनी सेवा दे रहे है ! उल्लेखनीय है कि, 1997 के वर्षकाल में परिवहन निगम में बतौर संविदा कर्मचारी के रूप में एजेंसी के माध्यम से चालको को भर्ती किया गया था ! तत्पश्चात 2004-2005 में ही एजेंसी के द्वारा परिचालकों को भी भर्ती किया गया था ! 35 पैसे पर किलोमीटर के आधार पर यह सफर कई वर्षों तक चलता रहा ! चालको-परिचालकों की और गहराई से उनके दर्द को जानने के लिए जब हम  चारबाग़ बस अड्डे पर पहुँचे ! जहाँ सेंट्रल रिजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री जसवंत सिंह ने चालक-परिचालक के दर्द को साझा करते हुए बताया कि, 2012 में संविदा कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर एक आंदोलन के तहत चालक-परिचालक के