अतुल यादव, विशेष संवाददाता




लेख : वेश्यावृत्ति (Prostitution)-जब कोई स्त्री किसी पुरुष से जो उसका पति नहीं है अथवा पुरुष किसी स्त्री से जो उसकी पत्नी नहीं है, यौन सम्बन्ध स्थापित करती/करता है और उसके बदले में धन या अन्य किसी प्रकार की वस्तु या सेवा प्राप्त करता, करती है तो उसे सामान्य रूप से वेश्याव॒त्ति माना जाता है। स्त्रियों एवं कन्याओं के अनैतिक व्यापार (निरोधक) अधिनियम 1956 (Suppression of Immoral Traffic Prevention Act, 1956-SITA) के अनुसार वेश्या वह स्त्री है जो कि धन या वस्तु के बदले में अवैध यौन सम्बन्धों के लिए अपना शरीर पुरुष को सौंपती है। इस प्रकार अवैध सम्बन्ध के लिए शरीर अर्पित करना वेश्यावत्ति कहलाती है।

आधुनिक समाज में वेश्याओं को विभिन्‍न आधारों पर अनेक श्रेणियों में बांटा जाता है। व्यावसायिक दृष्टिकोण से वर्तमान युग में प्रायः तीन प्रकार की वेश्याएं होती हैं-

1. वे वेश्याएं जो संगठित अड्डों पर देह बेचती हैं और जिनका नियंत्रण अड्डे के मालिकों के हाथ में रहता है।

2. वे वेश्य