
प्रधान लोग का हाल जान ही रहें है साहब तीन तीन लाख रुपए मांग रहे हैं रामबहाल दुबे

शक्तिनगर/सोनभद्र
रामबहाल दुबे व रामानुज पटेल की दुःख भरी कहानी आंखों में आंसु लिए एनसीएल खड़िया परियोजना में आई कलिंगा कॉमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड आउट सोर्सिंग कम्पनी के माइन्स ऑफिस में अपने छोटें बेटे के रोजगार को लेकर डेढ़ महीने से पैदल दौड़ रहे हैं कभी कलिंगा कम्पनी के इस अधिकारी कभी उस अधिकारी बेचारे बुढ़े बुजुर्ग इंसान पर भी कलिंगा कम्पनी के अधिकारियों व एनसीएल खड़िया परियोजना के अधिकारियों को जरा सा भी दया नहीं। एनसीएल खड़िया परियोजना में अपनी सारी जमीनें दे कर किस कदर दर दर की ठोकरें खा रहें हैं। लेकिन अभी तक किसी के कानों तक जूं नहीं रेंगा।आप सभी देख सकते हैं बुढ़े बुजुर्ग इंसान पर किस तरह कहर बरसा रहें हैं, कलिंगा कम्पनी के अधिकारी, कर्मचारी व एन सी एल खड़िया परियोजना के जिम्मेदार अधिकारी। बुढ़े बुजुर्ग इंसान द्वारा आप बीती कहानी सुनाया कलिंगा कम्पनी के एक अधिकारि को। आप देख सकते हैं पूरी स्टोरी खबर के माध्यम से।
साहब खड़िया से आए हैं। डेढ़ महीने से दौड़ रहे हैं साहब। साहब कैसे आए हो?पैदल चल चल कर आए हैं साहब। जो हाजिरी लगाते हैं जितेन्द्र साहब बोले बाबा ओ रहते हैं अपने ऑफिस पर आयेंगे और हस्ताक्षर कर देंगे और हमारे कंप्यूटर में भेजेंगे तो मेरे कंप्यूटर में आ जाएगा। साहब हम देढ़ महीने से दौड़ रहे हैं। साहब एनसीएल खड़िया परियोजना के एसओपी साहब से मिलें हैं? हां साहब मिलें हैं सब से एनसीएल के एक साहब ने कहा कि अमरेन्द्र साहब लिख कर दे देंगे तो आपका काम हो जाएगा। अमरेन्द्र साहब जितेन्द्र साहब को फोन भी किए थे लेकिन जितेन्द्र साहब फोन उठाएं ही नहीं। साहब पैसा लेकर रख रहे हैं इसलिए हम लोगों को इधर भेज दिए हैं। प्रधान लोग का हाल जान ही रहें है साहब तीन तीन लाख रुपए मांग रहे हैं। हम तीन लाख रुपए कहां से पायेंगे साहब। साहब आपसे हाथ जोड़ी विनती हैं काम लगा दिजिए हमारे छोटे बेटे का। हमारा सारा जगह जमीन एनसीएल ले लिया है साहब हम कहां जाएं। यही हमारा पेपर है साहब। साहब ये कौन हैं? (लाल बाबू) प्रधान हैं साहब। क्या करेंगे साहब हम देढ़ महीने से दौड़ कर थक गए हैं अब हम सारा पेपर लेकर जाएंगे गोरखपुर माननीय मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी के पास। हमारा जगह जमीन खाली कर दें एनसीएल हम बेंच देंगे जमीन और जीवन यापन करेंगे। साहब देख लीजिए हमारे खतौनी में भी लिखा है हमारा नाम। क्या करें साहब आप देख लीजिए हमारे एक लड़के का पैर भी कट गया है। यही हमारा छोटा वाला लड़का है उसके छोटे छोटे बच्चों के लिए काम पर रख लीजिए साहब। साहब बोले आप लोग अपना अपना नंबर दे कर जाइए हम देखते हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट सोनभद्र
अमित कुमार