
उर्जांचल विस्थापित कल्याण समिति शक्तिनगर सोनभद्र (उoप्रo) ने मंडलायुक्त, मंडल मिर्जापुर को पत्र लिख कर अवगत कराया कि इससे पूर्व 6फरवरी 2025को अपर जिलाधिकारी सोनभद्र के माध्यम से एक पत्र जिला अधिकारी सोनभद्र को प्रेषित कर छेत्र में हो रहे कृत को रोके जाने का अनुरोध किया था परन्तु खेद जनक है कि ऐसा नहीं हुआ दुर्भाग्य है आज 4 माह हो गए इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, नतीजा यह हुआ कि भ्रष्टाचार और धन उगाही पहले से और अधिक बढ़ गई जबकि देखा जाए तो नियमत: यहाँ के मूल निवासी, भू-विस्थापित,परियोजना प्रभावित लोगों को ही यह संविदा नौकरी पहले मिलनी चाहिए जिसका परियोजना में भूमि, मकान अधिग्रहण किया गया हो और कोल माइंस उद्योग के प्रदूषण के शिकार हो रहे हों, यहाँ के मूल निवासी व विस्थापित, भूखमरी व प्रदूषण के गंभीर समस्या से जूझ रहें हैं जबकि रोजगार अन्य राज्य के निवासीयों को मिल रहा है क्योंकि वह लोग ही तीन लाख रुपये दे सकतें और परियोजनाओं के जमीन पर अवैध अतिक्रमण कर कर फ्री का बिजली, पानी, उपयोग कर रहें हैं। विस्थापित, प्रभावित को नौकरी में समायोजन के लिए एनसीएल प्रबंधन के अनुसार स्थानीय विस्थापित, प्रभावित बेरोजगारों को किसी भी संविदा में 80 प्रतिशत तक समायोजन किया जाना है, उर्जांचल विस्थापित कल्याण समिति ने
आग्रह किया कि उपरोक्त विषय को गंभीरता से लेते हुये जांच करा कर विस्थापितों का हक उन्हे दिलाया जाए एवं भ्रष्टाचार कर रहे संबंधित लोगों पर कार्यवाही करने की मांग किया है।
