समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करने वाले तीन विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. इन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप है.
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने बागी विधायकों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन विधायकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. सपा ने तीन विधायक अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज कुमार पांडेय को पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देकर पार्टी से निष्कासित कर दिया है. बीते साल राज्यसभा चुनाव के दौरान इन्होंने क्रॉस वोटिंग करते हुए भाजपा के उम्मीदवारों का समर्थन किया था, जिसके बाद पार्टी की ओर से अब ये कार्रवाई की गई है.
सपा ने गोशाईगंज से विधायक अभय सिंह, गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह और ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज कुमार पांडे को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. इन तीनों विधायकों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए पार्टी की ओर से साफ कर दिया गया है. पार्टी की मूल विचारधारा के साथ समझौता करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. पार्टी ने इन्हें सुधरने का भी मौका दिया लेकिन जब इनके व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया तो सपा ने इन्हें पार्टी से निष्कासित करने का फैसला लिया है.
सपा ने तीन विधायकों को किया निष्काषित
समाजवादी पार्टी ने इस संबंध में अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर इसकी जानकारी दी है. पार्टी की ओर से कहा गया हैं कि- ‘समाजवादी सौहार्दपूर्ण सकारात्मक विचारधारा की राजनीति के विपरीत साम्प्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता व किसान, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा और ‘पीडीए विरोधी’ विचारधारा का साथ देने के कारण, समाजवादी पार्टी जनहित में निम्नांकित विधायकों को पार्टी से निष्कासित करती है. 1.विधायक गोशाईगंज अभय सिंह
2. विधायक गौरीगंज राकेश प्रताप सिंह
3. विधायक ऊँचाहार मनोज कुमार पाण्डेय

इन लोगों को हृदय परिवर्तन के लिए दी गयी ‘अनुग्रह-अवधि’ की समय-सीमा अब पूर्ण हुई, शेष की समय-सीमा अच्छे व्यवहार के कारण शेष है. भविष्य में भी ‘जन-विरोधी’ लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा और पार्टी के मूल विचार की विरोधी गतिविधियाँ सदैव अक्षम्य मानी जाएंगी. जहां रहें, विश्वसनीय रहें.’
बता दें कि बीते साल राज्य सभा चुनाव के दौरान सपा के आठ विधायकों ने क्रास वोटिंग की थी. जिसकी वजह से सपा के एक प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था और नंबर नहीं होने के बावजूद बीजेपी का आठवां उम्मीदवार भी जीत गया था. पार्टी ने अभी तीन विधायकों को निकाला है जबकि पूजा पाल, राकेश पांडे, विनोद चतुर्वेदी, आशुतोष चतुर्वेदी और महाराजी देवी पर अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इन्हें अच्छे व्यवहार की वजह से छोड़ दिया गया है.