अतुल यादव विशेष संवाददाता...



पुरानी पेंशन बहाली (OPS) को लेकर पूरे देश में हल्ला मचा हुआ है चाहे राज्य सभा का चुनाव रहा हो या लोकसभा का चुनाव और अब यह राष्ट्रीय आंदोलन बन चुका है । पुरानी पेंशन बहाली को लेकर इस समय पूरे देश में चर्चा जोरों पे है ।  पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme -OPS) को दिसंबर 2003 में दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने खत्म कर दिया था. इसके बाद राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme-NPS) लागू की गई जो की पूर्ण रूप से कर्मचारियों के हित में नहीं दिख रहा है क्योंकि पूर्व की अपेक्षा इस नई पेंशन नीति में लाभ बहुत कम है ।पुरानी पेंशन कर्मचारियों का अधिकार है  क्योंकि वही उनके बुढ़ापे की लाठी होती है या यूं कहे की अंधे की लाठी भी प्रतीत होती है । जब कोई कर्मचारी देशहित में अपनी सर्विस देता है और रिटायरमेंट के बाद घर आता है तो वही पेंशन उसके बुढ़ापे में आसानी के साथ गुजर बसर करने का एक साधन बन जाता है ।पुरानी पेंशन योजना एक कल्याणकारी योजना थी जो सरकारी कर्मचारियों के हित में थी ये सिर्फ योजना नही बल्कि एक उम्मीद और एक भरोसा थी बुढ़ापे की, जिसका बेसब्री से इंतजार उसका पूरा परिवार करता था ।
आज भी हमारे देश में कई ऐसे घर है जहां सिर्फ एक नौकरी पर पूरे परिवार का खर्चा चलता है और रिटायरमेंट के बाद उसी पेंशन पर घर के पूरे सदस्य का खर्चा चलता था । चाहे बच्चों के पढ़ाई की बात हो या परिवार में सदस्यों के दवाई की बात हो उसी पेंशन पे पूरे सदस्यों की एक आस जिंदा रहती थी और वही पेंशन घर परिवार को एकजुट बना के रखता था ।
जब एक देश एक राष्ट्र है तो फिर पेंशन की  नीति अलग अलग क्यों ?  नेताओ की पेंशन अलग ,कर्मचारियों की पेंशन अलग ।भारत एक गणराज्य है जहां प्रजा ही राजा है लेकिन यहां तो जनता का जो  प्रतिनिधि है वो राजा बनकर बैठा हुआ है क्योंकि कोई नेता अगर एक  दिन के लिए भी सांसद या विधायक बन जाता है तो उसकी तो लाटरी लग जाती है और ऐसी लाटरी जो उसे जीवनभर पेंशन रूपी एक ऐसा वरदान दे देती है जो उसे आजीवन मिलती है और वही जो कर्मचारी देश हित में 60 साल तक अपनी सेवा देता है क्या उसे पेंशन की जरूरत ही नही है ।
सांसदों और विधायकों को डबल पेंशन लेने का हक है। अगर कोई विधायक रहा हो और बाद में सांसद बन जाए तो उसे दोनों की पेंशन मिलती है। पेंशन के लिए कोई न्यूनतम समयसीमा तय नहीं है, यानी कितने भी समय के लिए नेताजी सांसद रहे हों पेंशन पाने के हकदार रहेंगे। मृत्यु होने पर परिवार को आधी पेंशन मिलती है
पूर्व जनप्रतिनिधियों के पेंशन का मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा। एनजीओ ने पूर्व सांसदों को आजीवन मिलने वाली पेंशन पर रोक लगाने की मांग की। याचिका खारिज हो गई। सुप्रीम कोर्ट में भी केस खारिज हो गया। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में पांच साल कार्यकाल के बाद ही पेंशन देने के लिए रूल की मांग उठी तो राज्य सरकार ने जवाब दिया कि विधायकों को उनकी सेवाओं के बदले में पेंशन दी जाती है। कर्मचारी भी कह सकते हैं कि वे जीवनभर नौकरी करते हैं, वे भी जनता की सेवा ही करते हैं तो उन्हें उनकी सेवाओं के बदले पेंशन क्यों नहीं?

क्या थी पुरानी पेंशन योजना 

ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती थी।पुरानी पेंशन योजना में GPF (General Provident Fund) की सुविधा है।
पुरानी पेंशन OPS में रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50 फीसदी तक निश्चित पेंशन मिलती है।
पुरानी पेंशन (OPS) एक सुरक्षित पेंशन योजना है. इसका भुगतान सरकार की ट्रेजरी के जरिए किया जाता है।
OPS में रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी मिलती है।
OPS में रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं लगता है।OPS में 40 फीसदी पेंशन कम्यूटेशन का प्रावधान है। OPS में सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है। पुरानी पेंशन योजना में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू होता है।

न्यू पेंशन स्कीम (NPS) क्या है ?
NPS में कर्मचारी के वेतन से 10% (बेसिक+DA) की कटौती होती है।
NPS में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा को नहीं जोड़ा गया है। NPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है । पेंशन योजना (NPS) शेयर बाजार आधारित है, बाजार की चाल के आधार पर ही भुगतान होता है। NPS में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता है।NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का अस्थाई प्रावधान है। NPS में सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन मिलती है, लेकिन योजना में जमा पैसे सरकार जब्त कर लेती है।
NPS में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के आधार पर जो पैसा मिलेगा, उस पर टैक्स देना पड़ेगा। NPS में यह प्रावधान नहीं है. मेडिकल फैसिलिटी (FMA) है, लेकिन NPS में स्पष्ट प्रावधान नहीं है। NPS में रिटायरमेंट पर पेंशन प्राप्ति के लिए NPS फंड से 40 फीसदी पैसा इन्वेस्ट करना होता है।

OPS (OLD PENSION SCHEME) यह सिर्फ एक योजना नही बल्कि कर्मचारियों का अधिकार है जिसे 60 साल तक देश की सेवा के बदले मिलती है । सरकार को इस बात को समझना चाहिए और कर्मचारियों के हित में OPS दुबारा लागू करना चाहिए जिससे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों के बुढ़ापे में उनका जीवन निर्वाह आसानी के साथ व्यतीत हो सके ।